Menu
blogid : 3598 postid : 100

अजनबी शहर में…

kuchhkhhash
kuchhkhhash
  • 33 Posts
  • 518 Comments

110118-142624
मेरा शीशमहल और
बचपन का साथी तन्हाई
कुछ अनजाने कंकड़
ख्वाब से जगा गए l

110118-143531
दरवाजे से निकलती
वो थकी सोयी गलियां
उन कदमों की आहट से
हम नींदें गँवा बैठे l

110118-144020
व्यस्तताएं है बड़ी,यह
चलो मैंने मान लिया
आँखों का वो यकीं तुझे
बेवफा नहीं होने देता l

बंद कर दिए सभी
दरवाजे और खिड़कियाँ
ये किसकी दस्तक है जो
कभी चैन नहीं लेने देता l

110118-143320
घूँघट की ओट और
दबी दबी सी धड़कन
शरारती झोंके ने
गिरे परदे उठा दिए l

110118-144624
ये शाम भी ढल गयी
मिलता नहीं सुकूं का पता
इस अजनबी शहर में
हम खुद को भुला बैठे l

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh